नमस्कार दोस्तो 🙏 पर्सनल फाइनेंस के इस भाग में हम जानेंगे की आय प्रबंधन ( Income Management )क्या होता हैं? और आय का प्रबंधन कैसे करते है ? ताकि आप अच्छे से ये समझ जाए की इसका इस्तेमाल करके आप अपने जीवन में वित्तिय सुधार कैसे ला सकते है। इस पोस्ट को अंत तक पड़ने पर आपके सारे प्रश्न के उत्तर मिल जायेंगे ।
NOTE:-आय का मतलब होता है, आमदनी और यहां आमदनी का मतलब हम, आपके और आपके परिवार की कुल आय आमदनी से ले रहे है।
आय प्रबंधन कैसे करे ये जानने से पहले आपको ये समझना पड़ेगा की आय प्रबंधन होता क्या है? चलिए समझते है ।
आय प्रबंधन क्या होता है? What is income Management In Hindi
आय प्रबंधन वह विषय या माध्यम जिससे आप ये जानते है, की हमारी आय कितनी होनी चाहिए , हमारे कुल खर्च के हिसाब से हमारी आय कितनी है,खर्च के हिसाब से आय की बचत होगी या नहीं ,अगर नहीं होगी तो इसके लिए क्या उपाय करने चाहिए ।
चलिए अब समझते की आय प्रबंधन कैसे करते है?
आय प्रबंधन कैसे करें ? How to manage income in hindi
चलिए कुछ प्वाइंट से समझते है की आय का प्रबंधन कैसे किया जाता है।
आय को जाने :-
आय प्रबंधन के इस भाग में सबसे पहले आपको ये जानना जरूरी होता है,की आप और आपके परिवार की इनकम हर महीने कितनी है, आपकी आय के सोर्स क्या क्या है,और उन सबको मिलाकर आपकी आय कितनी हो रही है जिससे आपको ये समझ आएगा की आप कितने पैसे हर मंथ कमा रहे है । ये सब जानने के बाद आपको ये पता करने की ज़रूरत है की आपकी आय कितनी होनी चाहिए ।
चलिए समझते है की आपकी आय कितनी होनी चाहिए ।
कितनी होनी चाहिए आय :-
दोस्तो आय का हर किसी के लिए एक अलग अलग पैमाना होता है, इसके लिए आपको ये समझना पड़ेगा की आपके सभी प्रकार के खर्च जैसे राशन,रेंट,बिल, ईएमआई , मेडिकल इंश्योरेंस और टर्म इंश्योरेंस प्रीमियम, आदि कितने रुपए में चल जाते है, जो सबके लिए अलग अलग होता है, लेकिन ये सब आपकी इनकम का जनरली 50% से ज्यादा नहीं होना चाहिए मतलब की आपकी आय (इनकम) आपके खर्च से दुगुनी होनी चाहिए ।
अब आपके मन में ये प्रश्न आ रहा होगा की ऐसा क्यों ? तो ऐसा इसलिए है की आपको बाकी के 50% से आपकी चाहते जैसे गाड़ी लेना घूमना फिरना आदि शामिल है ये भी तो करना हे और साथ ही साथ उन पैसों से सेविंग करके इन्वेस्ट भी तो करना है। अगर आपकी कोई चाहते नही है तो आप अपनी आय को इस हिसाब से एडजस्ट करके समझ सकते हे लेकिन फिर भी आपके पास सेविंग के लिए कम से कम 20% तो बचना हो चाहिए जिससे आप निवेश कर पाए । अब अगर आपकी आय बताए अनुसार नही है, तो आपको इसके कारण और कारण को दूर करने के निवारण जानने की जरूरत है।
चलिए अब हम समझते है की क्या वो कारण ही जिससे आपकी आय कम है,और उनको दूर करके के क्या उपाय है।
आय के कम होने के कारण और निवारण :-
आपकी आय कम होने के मुख्यतः दो कारण हो सकते है:-
1.आय लोन भरने में जाना ।
2.आय का अन्य सोर्स न बनाना।
1.कमाई लोन में जाना :- दोस्तो अगर आपने जाने अनजाने में ऐसे लोन ले रखे है, जो आपकी कमाई खा रहे है ये आपके लिए आपकी कमाई कम होने का एक कारण हो सकता है ,क्योंकि ये एक खर्च की श्रेणी में आता है और खर्च कम करना भी पैसा कमाने के बराबर होता है।
निवारण :- इसके लिए आपको लोन के प्रकार को समझना पड़ेगा । इसके लिए दोस्तो सबसे पहले आपको ये देखना होगा की कौनसे लोन पर आपके हाई इंट्रेस्ट लग रहा है और कौनसे पे कम ताकि जो हाई इंट्रेस्ट वाले लोन को पहले चुका कर आप इंट्रेस्ट में होने वाले खर्च को कम कर पाएंगे और पैसा बचा पाएगा ।
2. आय के सोर्स न बनाना :- ये आपकी आय कम होने का एक और मुख्य कारण हो सकता है । कई लोग एक ही कमाई पर आश्रित रहते है, जिससे वह अपनी आय को नहीं बड़ा पाते।
निवारण :- अब इसका निवारण आप दो तरीके से कर सकते है पहला या तो आप जो काम कर रहे है अगर उसमे आप अपना कोई साइड इनकम का सोर्स बना पाए तो आपकी आय का यह एक सोर्स बन जायेगा ।
या आप की स्किल सिख कर या फिर युट्यूब या इंटरनेट से जानकारी ले कर नया इनकम सोर्स बना सकते है।
निष्कर्ष :-
दोस्तो इस पोस्ट के माध्यम से हमने जाना की आय प्रबंधन क्या होता है, आय का प्रबंधन कैसे करते है, हमारी आय कितनी होनी चाहिए ,आय कम हो तो कैसे बढ़ाएं आदि। और जिसकी सहायता से हम ये समझ पाए की इसकी हम हमारे खर्चे से दुगनी आय को कैसे अचीव करके आगे की फाइनेशियल प्लानिंग कर सकते है।
आखरी शब्द :-
पर्सनल फाइनेंस के एक भाग आय प्रबंधन की ये पोस्ट आपको कैसे लगी और आपके कोई प्रश्न या सुझाव हो तो हमे कॉमेंट करके जरूर बताएं। और पोस्ट को शेयर करना ना भूले । इसके आलावा आपको पर्सनल फाइनेंस के और भाग जैसे व्यय प्रबंधन , बजट , निवेश , फाइनेशियल प्लानिंग आदि के बारे में और जानकारी जानना हे तो आप आपकी अपनी वेबसाइट moneyyog.in पर विजिट करके जान सकते है।
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