Sensex Nifty क्या है ? | What is Sensex Nifty In Hindi ?[ Full details]

नमस्कार दोस्तो 🙏! 

दोस्तों बहुत से बिजनेस न्यूज चैनल जब भी आप ओपन करते या देखते हे , तो उनकी स्क्रीन पर आपको सेंसेक्स निफ्टी दिखाया जाता है, जो रियल टाइम उपर नीचे होता दिखता है, कभी ग्रीन तो कभी रेड दिखाई देता है, इसके अलावा जब भी आप शेयर मार्केट की बाते कही से सुनते है, तो वहा आपको बार बार एक टर्म सुनने को मिलती है, की निफ्टी और सेंसेक्स आज इतने पॉइंट गिर गया, चढ़ गया , इतने पॉइंट गिर गया तो आपके मन ये प्रश्न आना  स्वाभाविक है, की आखिर ये सेंसेक्स निफ्टी होता क्या है? और ये उपर नीचे क्यों होता है, और ये बनता कैसे हैं? इत्यादि । तो इस पोस्ट के माध्यम से हम आपको इन सब विषय के बारे में अच्छे से समझना वाले है इसलिए इस पोस्ट को अंत तक पढ़े और हम दावा करते है,की पोस्ट के अंत तक आपके सारे कंफ्यूशन दूर हो जायेगें और आपको और कही और जाने की जरूरत नहीं पड़ेगी। 

तो चलिए समझते है,की आखिर क्या होता है सेंसेक्स और निफ्टी ? 

    Introduction 


    Sensex Nifty

    दोस्तो शेयर मार्केट में हजारों कंपनिया लिस्टेड होती है, अब मान लीजिए आपको निवेश शुरू करना है, और ये जानना है, की मार्केट का हाल चाल क्या है? या मार्केट में इन्वेस्ट करने का सही समय है या नहीं तो आपको सारी कंपनी का Analysis करना पड़ेगा की कंपनियों की परफॉर्मेंस कैसी चल रही है,कंपनी के शेयर बड़ रहे या नहीं इत्यादि जो एक बहुत ही जटिल प्रक्रिया होने के साथ साथ समय ज्यादा लगने वाली प्रक्रिया होगी । इसी समस्या को सुलझाने के लिए और कम टाइम में बाजार की हलचल को समझने के लिए एक माध्यम बनाया गया जिसे SENSEX और NIFTY नाम दिया गया । 

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    अब आप ये सोच रहे होंगे की इससे हमारी कम टाइम में Analysis करने की समस्या किस तरह से सॉल्व हो रही तो चलिए समझते है।


    SENSEX और NIFTY 50 दो ऐसे इंडेक्स या अलग अलग सैक्टर की ( फार्मा,ऑटो,आईटी इत्यादि) का ऐसा समूह होता है जिनमे सेंसेक्स में 30 बड़ी कंपनियों को और निफ्टी में 50 बड़ी कम्पनी जो मार्केट वैल्यू के हिसाब से सबसे बड़ी है,उनको शामिल किया जाता है, ताकि आप कम टाइम में ओवर ऑल बाजार की गतिविधियों , हलचल, उतार चढ़ाव का अंदाजा लगा पाए । 


    चूंकि इन इंडेक्स में अलग - अलग सेक्टर की कंपनिया शामिल होती है, तो आपको सारी कंपनियों का एनालिसिस नहीं करना पड़ता और कम टाइम में इन इंडेक्स को देख के आपको बाकी कंपनियों का अंदाजा लग जाता हैं,की उनका परफॉर्मेंस कैसा चल रहा है, जिससे आप ओवरऑल बाजार की गतिविधियों को अनुमान लगा पाते है। 


    अब आपके मन में ये प्रश्न आ रहा होगा की ये बनता कैसे है? इसके लिए दो इंडेक्स क्यों बनाए गए ? इत्यादि तो चलिए इनको और अच्छे से एक एक करके समझते है।


    NIFTY 50 की पूरी जानकारी ! NIFTY 50 Full Details.


    NIFTY 50 NSE (Stock Exchange) का इंडेक्स या कंपनियो का समुह है, जिसमे अलग अलग सेक्टर की 50 कंपनियों जो फ्री फ्लोट मार्केट वैल्यू के हिसाब से सबसे बड़ी है,को शामिल किया जाता है। 


    NOTE:- NSE एक स्टॉक एक्सचेंज है, जहां कंपनिया लिस्ट होती और जहां से आप उन कंपनियों के शेयर अपने Demat Account के माध्यम से खरीदते और बेचते है। इसे आप इस तरह से समझ सकते है,की शेयर मार्केट एक बाजार है और NSE उस बाजार की दुकान है बस यहां फर्क बस इतना है, की NSE से आप प्रोडक्ट की बजाय शेयर खरदते है।

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    चलिए अब हम समझते है की इसको बनाया कैसे जाता है?और इसमें कुल कितने होते है? 


    कैसे बनता है निफ्टी :-


    निफ्टी को बनाने के लिए NSE ( Stock Exchange) में लिस्ट सभी कंपनियों में से उन 50 कंपनियों को चुना जाता है जो ( कंपनी के total फ्री फ्लोट शेयर × कंपनी के एक शेयर का प्राइज ) में सबसे बड़ी हो ।


    NOTE:- फ्री फ्लोट शेयर उन शेयर को कहा जाता है, जो बाजार में खरीद बिक्री के लिए उपलब्ध है या टोटल शेयर में से प्रमोटर या कंपनी Owner के पास रखे शेयर्स जो बाजार में खरीद बिक्री के लिए लाए नही गए को माइनस करके बचे शेयर फ्री फ्लोट शेयर कहलाते है।


    NIFTY 50 का फॉर्मूला :-

       

                 Free Float Market Capitalization × Base Index value

             ------------------------------------------------------------------

                Base Market Capitalisation 


    Free Float Market Capitalisation :- 

    इस फॉर्मूला में फ्री फ्लोट मार्केट कैपिटलाइजेशन का मतलब टोटल 50 कंपनीयों जो फ्री फ्लोट मार्केट कैप के हिसाब से सबसे बड़ी है को लेकर उनका टोटल फ्री फ्लोट मार्केट Capitalization लेते है । यह आपको अन्य सोर्स से सर्च करने पर मिल जायेगा ।


    Base Index Value :-

     बेस इंडेक्स वैल्यू एक Fix value होती है, जो 1000 पॉइंट रखी जाती है , क्योंकि NIFTY का उतार चढ़ाव प्वाइंट में दिखाया जाता है।


    Base Market Capitalization :- 

    इसके लिए एक बेस डेट निर्धारित की गई है, जो 3 Nov. 1995 है। मतलब की इस दिन NIFTY 50 में जो 50 कंपनिया लेनी है, उनका कुल मार्केट कैपिटलाइजेशन उस पर्टिकुल दिन कितना था उसको लिया जाता है। अभी जो कंपनिया Nifty 50 में ली गई है ,उनका मार्केट कैप उस दिन ₹2.06 ट्रिलियन था। (not डॉलर)


                                    Free Float M. Cap × 1000 point

    Nifty total point =      -------------------------------------

                                               ₹ 2.06 Trillion


    अब आप इस फार्मूला को आप ध्यान से देखेंगे तो आपको पता चलेगा की इसमें 2 value स्थिर (कांस्टेंट) हैं। सिर्फ कंपनी के शेयर प्राइज बड़ने और घटने की वजह से प्वाइंट का उतार चढाव होता रहता है।


    अब हमको लगता है की आपको समझ आ गया होगा की Nifty के प्वाइंट कम या ज्यादा क्यों होते है। कैसे होते है? और ये बनता कैसे हैं? 


    चलिए अब समझते है, की सेंसेक्स क्या है? 


    Sensex की पूरी जानकारी ! Sensex Full details  


    Sensex BSE (Stock Exchange) का इंडेक्स या कंपनियो का समुह है, जिसमे अलग अलग सेक्टर की 30 कंपनियों जो फ्री फ्लोट मार्केट वैल्यू के हिसाब से सबसे बड़ी है, को शामिल किया जाता है। 


    NOTE:- BSE भी NSE की तरह एक स्टॉक एक्सचेंज है, जहां कंपनिया लिस्ट होती और जहां से आप उन कंपनियों के शेयर अपने Demat Account के माध्यम से खरीदते और बेचते है। इसे आप इस तरह से समझ सकते है,की शेयर मार्केट एक बाजार है और BSE उस शेयर बाजार की NSE तरह ही दूसरी दुकान है ।

    SENSEX का फॉर्मूला :-

             Free Float Market Capitalization × Base Index value

     ----------------------------------------------------------

                  Base Market Capitalisation

    Free Float Market Capitalisation :- 

    इस फॉर्मूला में फ्री फ्लोट मार्केट कैपिटलाइजेशन का मतलब टोटल 30 कंपनियां जो फ्री फ्लोट मार्केट कैप के हिसाब से सबसे बड़ी है को लेकर उनका टोटल फ्री फ्लोट मार्केट Capitalization लेते है। यह आपको अन्य सोर्स से सर्च करने पर मिल जायेगा ।


    Base Index Value :- 

    बेस इंडेक्स वैल्यू एक Fix Value होती है, जो  Sensex के केस में 100 पॉइंट रखी जाती है, क्योंकि SENSEX का उतार चढ़ाव प्वाइंट में दिखाया जाता है।


    Base Market Capitalization :- 

    इसके लिए एक बेस Year निर्धारित किया गया है, जो एक 1977-1978 है। मतलब साल SENSEX में जो 30 कंपनिया लेनी है उनका कुल मार्केट कैपिटलाइजेशन उस पर्टिकुल साल कितना था उसको लिया जाता है।

                                    Free Float M. Cap × 100 point

    Sensex T. Point =  ---------------------------------------

                                         Base Market Capitalization 

    अब आप इस फार्मूला को आप ध्यान से देखेंगे तो आपको पता चलेगा की इसमें 2 value स्थिर (कांस्टेंट) हैं। सिर्फ कंपनी के शेयर प्राइज बड़ने और घटने की वजह से प्वाइंट का उतार चढाव होता रहता है। 

    NOTE :- Sensex or Nifty 50 में शामिल होने वाली कंपनियां बदलती रहती है क्योंकि दूसरी और शामिल हुई  कंपनियों  के शेयर प्राइज ऊपर नीचे होते रहते है जिससे फ्री फ्लोट मार्केट वैल्यू भी बढ़ती या घटती है । ये बदलाव हर क्वाटर मतलब हर 3 महीनों में होता है।

    अब हमे लगता है, की आपको समझ आ गया होगा की SENSEX के प्वाइंट कम या ज्यादा क्यों होते है? कैसे होते है? और ये बनता कैसे हैं? 

    अब इन Index जिन्हे हम SENSEX और NIFTY 50 कहते है, इनमे कुछ कमिया, नुकसान (Cons) भी होते है, जिन्हे समझना भी हमारे लिए बेहत जरूरी है। तो चलिए समझते है इन इंडेक्स की क्या कमिया, नुकसान ( Cons ) है।

    NIFTY SENSEX की कमिया नुकसान (Coins) ! Sensex And Nifty Coins.

    दोस्तो सेंसेक्स और निफ्टी में कुछ कंपनियों को शामिल किया जाता है, जिनके परफॉर्मेंस को ट्रैक करके बाकी की कंपनियों को और ओवरऑल मार्केट का अंदाजा लगाया जाते हैं , जो लगभग सही होता है, लेकिन हमेशा सही हो ऐसा नहीं है ।

    इन इंडेक्स को आप इस तरह से समझ सकते है की ये चुनाव के रिजल्ट आने पहले Exit Poll की तरह होते है जो सही भी हो सकते हे और गलत भी । इसे अच्छे से और एक Example से समझने है। एक क्लास में 100 स्टूडेंट है,और आप 30 टॉपर स्टुडेंट के बेस पर सभी स्टूडेंट का अनुमान लगा रहे है। 

    मतलब की इंडेक्स में 30 कंपनियों की जानकारी लेके सभी कंपनियों का अनुमान लगा रहे जो की एक सही प्रक्रिया नही है, हो सकता है की बाकी की कंपनियों में कोई कंपनी अच्छा परफॉर्म कर रही हो ।

    निष्कर्ष :- 

    इस पोस्ट में हमने सीखा की Sensex Nifty क्या होता है? इसके प्वाइंट उपर नीचे क्यों होते है? ये बनता कैसे है और इसकी क्या कमिया या नुकसान है।

    आखरी शब्द :- 

    तो दोस्तो ये पोस्ट आपको कैसी लगी हमे कॉमेंट करके जरूर बताए , और कोई सवाल या सुझाव रह गए हो तो वो भी आप हमे कॉमेंट करके बता सकते हो । और अगर आपको शेयर मार्केट, पर्सनल फाइनेंस, इंश्योरेंस आदि विषयों के बारे में और ज्यादा जानकारी चाहिए हो तो आप आपकी अपनी साइट moneyyog.in पर visit कर सकते है। धन्यवाद 


    FAQ:-

    Q: Sensex और Nifty क्या है ?

    Ans: Sensex और Nifty क्रमशः BSE और Nse द्वारा बनाए गए दो इंडेक्स है, जिनके द्वारा ओवराल मार्केट की परफॉर्मेंस को ट्रैक किया जाता है ।

    Q: Sensex और Nifty में कितनी कंपनिया होती है ?

    Ans: Sensex में 30 कॉम्पनियो को शामिल किया जाता है ? जबकि Nifty में 50 कंपनिया शामिल होती है। 

    Q: Sensex और Nifty की फुल फार्म क्या होती है ?

    Ans: sensex दो शब्दों से मिलकर बनता है [ sensitive+ index ] वही निफ्टी [ natonal+ fifty] से मिलकर बनता है ?

    Q: Sensex nifty कैसे बनता है ?

     Ans: Sensex को बनाने के भारत की टॉप 30 कंपनिया जो फ्री फ्लोट मार्केट Capitalization के हिसाब से सबसे ज्यादा है से मिलकर बनता है ।वही Nifty 50 कंपनी जो फ्री फ्लोट मार्केट Capitalization के हिसाब से सबसे ज्यादा है से मिलकर बनता है ।

    Q: क्या Sensex और Nifty के अलावा और भी index होते है ?

    Ans: जी हां। जैसे finnifty,banknifty, Autonifty इत्यादि।


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